दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं । सेवक स्तुति करत सदाहीं ॥ काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी । अर्थ- पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान https://louiskrugf.azzablog.com/29884975/shiv-chalisa-lyrics-bhakti-bharat-can-be-fun-for-anyone