आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता। अर्थ- पवित्र मन से इस पाठ को https://shivchalisalyricsenglish38883.azuria-wiki.com/934410/a_secret_weapon_for_shiv_chalisa_lyrics_aarti