खेर आपने बढ़िया जानकारी दिए हैं,आपको बोहोत बोहोत धन्यवाद। कालान्तर में जैन धर्म दो सम्प्रदायों श्वेताम्बर एवं दिगम्बर में बँट गया। समाज स्पष्ट रूप से चार वर्णों; ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं शूद्र, में बँटा था। वर्ण व्यवस्था कर्म के बदले जाति पर आधारित थी। पालतू जानवरों से प्यार है? आप https://jeffreyceqqk.wikipresses.com/5976090/considerations_to_know_about_ग_गल_स_प_स_क_स_कम_ए